मैंने ये ब्लॉग इसलिए बनाया क्योंकि (because) मैं एक मंच (stage) चाहती थी जहाँ (where) मैं अपनी बात बिना (without) किसी (any) झिझक (hesitation) के कह सकूँ।
मैं एक महाविद्यालय (college) में प्रौद्योगिकी (technology) का अध्ययन (study) कर रही हूँ। यहाँ पढ़ते समय एक बात मुझे हमेशा खटकती थी कि हिन्दी इतनी अच्छी भाषा (language) होते हुए भी आजकल के युवा वर्ग (youth) से बहुत दूर है। मतलब यह कि अख़बार (newspaper) पढ़ना भी उन्हें टेढी खीर लगता है। मैं ये नही कहती कि मैं इस युवा वर्ग में हिन्दी के लिए आदर (respect) जगाना चाहती हूँ। मैं कोई बड़ी बातें नही कर रही पर सिर्फ़ इतना चाहती हूँ कि वे कम से कम अपनी मातृभाषा (mother tongue) को समझे, कम से कम उसे पढ़ तो सकें फिर चाहे उसका सम्मान (respect) करें या न करें।
ये काम इतना आसान नही है पर मेरा प्रयास (effort) रहेगा कि मैं हिन्दी को आम (common) जनता (public) के और करीब (near) लाऊं।
गलतियाँ (mistakes) सभी से होती हैं। मुझसे भी अगर हुई हों तो कृपया (please) मुझे क्षमा कीजियेगा।
आप के सुझावों (suggetions) का मुझे इंतज़ार रहेगा।
Saturday, August 1, 2009
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